तेरी याद क्यूँ आती है ये मालुम नहीं,
लेकिन जब भी आती है अच्छा लगता है.
जाने लोग मोहब्बत को क्या क्या नाम देते है,
हम तो तेरे नाम को ही मोहब्बत कहते है...!!!
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एक अजीब सा मंजर नज़र आता है
हर एक आँसूं समंदर नज़र आता हैं
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना
हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं...!!!
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मुझे को अब तुझ से भी मोहब्बत नहीं रही
आई ज़िंदगी तेरी भी मुझे ज़रूरत नहीं रही
बुझ गये अब उस के इंतेज़ार के वो जलते दिए
कहीं भी आस-पास उस की आहट नहीं रही...!!!
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तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है
जिसका रास्ता बहुत खराब है
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है...!!!
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उदासियों की वजह तो बहुत है जिंदगी में यारो
पर
वेवजह खुश रहने का मजा ही कुछ और है...!!!
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सारा जहान उसी का है जो मुस्कुराना जानता है
रोशनी भी उसी की है जो शमा जलाना जानता है
हर जगह मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारा है
पर ईश्वर तो उसी का है जो सिर झुकाना जानता है...!!!