भीड़ भाड़ को छोड़ आए हैं बस तन्हाई भाई है
वहां बहुत बेचैनी भोगी यहां खुमारी छाई है
वो सवाल अब यहां नहीं हैं जिनके उत्तर मुश्किल थे
जितनी हमने इच्छा की थी उतनी राहत पाई है...!!!
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कसूर उनका नहीं जो धोक्खा दिया उन्होंने
आदत तो हमें ही हा धोखे खाने की
टूटेगा दिल एक दिन, जानते थे हम
फिर भी भूल की उनको चाहने की...!!!
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जब कोई ख्याल दिल से टकराता है
दिल न चाह कर भी खामोश रह जाता है
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता है
कोई कुछ न कहकर भी सब बोल जाता है...!!!
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दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता…!!!
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