ऐ नादान दिल रोते नहीं
कुछ अपने हो के भी पास होते नहीं
ज़रा से फासले पर उदासी कैसी
दिल में बसने वाले कभी दूर होते नहीं...!!!
बहुत उदास है कोई शख्स तेरे जाने से
हो सके तो लौट आ किसी बहाने से
तू लाख खफा सही मगर इक बार तो देख
कोई टूट गया है तेरे दूर जाने से...!!!
समझा दो अपनी यादों को
वो बिना बुलाये पास आया करती है
आप तो दूर रहकर सताते हो मगर
वो पास आकर रुलाया करती है...!!!
मै तोड़ लेता अगर वो गुलाब होती
मैं सवाल बन जाता अगर वो जवाब होती
सब जानते है मैं नशा नहीं करता
मगर मैं पी लेता अगर वो शराब होती...!!!
ज़िन्दगी से पूछिये ये क्या चाहती है
बस एक आपकी वफ़ा चाहती है
कितनी मासूम और नादान है ये
खुद बेवफा है और वफ़ा चाहती है...!!!
आज कुछ कमी है तेरे बगैर
न रंग है न रौशनी है तेर बगैर
वक़्त अपनी रफ़्तार से चल रहा है
बस धड़कन थमी है तेरे बगैर...!!!
तुम हसीन हो गुलाब जैसी हो
बहुत नाजुक हो ख़्वाब जैसी हो
दिल की धड़कन में आग लगाती हो
होठो से लगाकर पी जाऊ तुम्हे
सर से पाँव तक शराब जैसी हो...!!!
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