उल्फत का यह दस्तूर होता है
जिसे चाहो वही हमसे दूर होता है
दिल टूट कर बिखरता है इस क़द्र जैसे
कांच का खिलौना गिरके चूर-चूर होता है...!!!
हमें देख के चेहरा घुमा लेते है
मेरे नाम पे नज़रे फिरा लेते है
पर एक बात पे न जोर चले उनका
करते है बातें गैरो की
लेकिन कसमे मेरे नाम की खाते है...!!!
जियो इतना की जिंदगी कम पड जाय
हंसो इतना की रोना मुश्किल हो जाये
किसी चीज को पाना तो किस्मत की बात है
मगर कोशिश इतनी करो की ईश्वर देने पे मजबूर हो जाये...!!!
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